क्रैग ब्रैथवेट गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैदान में उतरते ही वेस्टइंडीज के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले सिर्फ 10वें क्रिकेटर बन जाएंगे। वह विव रिचर्ड्स, क्लाइव लॉयड, ब्रायन लारा और गॉर्डन ग्रीनिज जैसे दिग्गजों की सूची में शामिल होंगे।
इन वर्षों में, ब्रैथवेट सबसे लंबे प्रारूप में वेस्टइंडीज क्रिकेट के आधारस्तंभ बन गए हैं, जिन्होंने 99 टेस्ट में 12 शतकों के साथ 5943 रन बनाए हैं, जिनमें से 39 में टीम का नेतृत्व किया है, किसी भी अन्य वेस्टइंडीज की तुलना में अधिक गेंदें खेली हैं और 2022 में आईसीसी मेन्स टेस्ट टीम ऑफ द ईयर में जगह बनाई है।
18 साल की उम्र में 2011 में उनका सफर शुरू हुआ, लेकिन विश्वास बहुत पहले ही 14 साल की उम्र में जड़ जमा चुका था, जब उन्होंने आत्मविश्वास से घोषणा की थी कि वह एक दिन वेस्टइंडीज के लिए 100 टेस्ट खेलेंगे।
ब्रैथवेट का सपना
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर क्रैग ब्रैथवेट ने कहा, "मैंने 14 साल की उम्र में 100 टेस्ट खेलने का लक्ष्य रखा था। अब मैं यहां 18 साल बाद वेस्टइंडीज के लिए अपना सौवां टेस्ट खेल रहा हूं। मैं बहुत आभारी हूं, और मैं सिर्फ युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बनना चाहता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं सिर्फ एक और खिलाड़ी नहीं बनना चाहता था - मैं एक प्रभाव बनाना चाहता था।"
हालांकि ब्रैथवेट का डेब्यू 2011 में पाकिस्तान के खिलाफ बासेटेरे में इतना यादगार नहीं रहा था। उन्होंने बाउंड्री के साथ शुरुआत की, लेकिन 15 और 0 के स्कोर के साथ उनके टेस्ट करियर की शुरुआत धीमी रही।
संघर्ष और सफलता
ब्रैथवेट ने माना कि विश्वास को जमने में समय लगा, लेकिन एक बार जब ऐसा हो गया, तो कोई पीछे नहीं हटा। मीरपुर में बांग्लादेश के खिलाफ सिर्फ अपने तीसरे टेस्ट में एक साहसी अर्धशतक ने फॉर्म की शुरुआत की, इसके बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे शीर्ष पक्षों के खिलाफ अपने अगले चार मैचों में तीन और अर्धशतक आए।
उन्होंने कहा, "मैं बचपन से ही वेस्टइंडीज के लिए खेलना चाहता था - लेकिन मुझे यकीन नहीं था कि मैं इसे बड़े मंच पर कर पाऊंगा।"
क्रैग ब्रैथवेट की कहानी दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत का प्रमाण है। उन्होंने साबित कर दिया है कि सपने सच हो सकते हैं, भले ही शुरुआत में कितनी भी मुश्किल क्यों न हो। वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए उनकी प्रतिबद्धता और योगदान सराहनीय है।