गाजा पर नेतन्याहू की योजना: अंतर्राष्ट्रीय आलोचना और इजराइल का रुख

इजराइल के सुरक्षा मंत्रिमंडल द्वारा गाजा शहर पर नियंत्रण करने की योजना को मंजूरी दिए जाने के बाद, दुनिया भर के नेताओं से कड़ी आलोचना हुई है। हालांकि, इजराइल ने इन आलोचनाओं को खारिज कर दिया है। बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय का कहना है कि नई स्वीकृत पांच-सूत्रीय योजना का उद्देश्य 'हमास को हराना' और 'युद्ध को समाप्त करना' है।

रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज़ ने कहा कि जो देश इजराइल की निंदा करते हैं और प्रतिबंधों की धमकी देते हैं, वे 'हमारे संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे'। उन्होंने आगे कहा, 'हमारे दुश्मन हमें एक मजबूत, एकजुट मुट्ठी के रूप में पाएंगे जो उन्हें बड़ी ताकत से मारेगी।'

गाजा में युद्ध को बढ़ाने के इजराइल के फैसले की संयुक्त राष्ट्र और यूके, फ्रांस और कनाडा सहित कई देशों ने निंदा की है, जिसके कारण जर्मनी ने इजराइल को सैन्य निर्यात रोक दिया है।

पांच-सूत्रीय योजना

इजरायली सुरक्षा मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित योजना में युद्ध को समाप्त करने के लिए पांच 'सिद्धांत' सूचीबद्ध हैं: हमास को निहत्था करना, सभी बंधकों को वापस करना, गाजा पट्टी को विसैन्यीकृत करना, क्षेत्र का सुरक्षा नियंत्रण लेना और 'एक वैकल्पिक नागरिक प्रशासन स्थापित करना जो न तो हमास है और न ही फिलिस्तीनी प्राधिकरण'।

इजरायली मीडिया में आई खबरों के अनुसार, योजना शुरू में गाजा शहर का पूरा नियंत्रण लेने पर केंद्रित है, जिसमें अनुमानित दस लाख निवासियों को दक्षिण की ओर स्थानांतरित किया जाएगा। सेना मध्य गाजा में शरणार्थी शिविरों और उन क्षेत्रों का भी नियंत्रण लेगी जहां बंधकों के होने की आशंका है।

मीडिया का कहना है कि मानवीय सहायता में वृद्धि के साथ-साथ हफ्तों बाद एक दूसरा आक्रमण किया जाएगा।

संघर्ष को बढ़ाने के इस कदम का इजराइल के भीतर कुछ लोगों ने कड़ा विरोध किया है, जिसमें सैन्य अधिकारी और गाजा में बंधक बनाए गए लोगों के परिवार शामिल हैं।

हमास की प्रतिक्रिया

हमास ने कहा है कि गाजा शहर पर कब्जा करने की योजना 'एक नया युद्ध अपराध है' और 'इजराइल को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।'

शुक्रवार को, यूके, जर्मनी, इटली, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इस योजना को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि यह गाजा में पहले से ही 'विनाशकारी' स्थिति को 'बढ़ाएगा'। उन्होंने आगे कहा, 'किसी भी प्रकार का विलय या बस्तियों का विस्तार अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है।'

Compartir artículo