विश्व नारियल दिवस: किसानों के लिए नई उम्मीदें
हर साल 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है, और इस साल यह भारत के नारियल किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। केरल और गुजरात दोनों राज्यों ने नारियल की खेती को बढ़ावा देने और किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं।
केरल: 30 करोड़ रुपये की योजनाओं से किसानों को लाभ
केरल, जिसे नारियल की भूमि के रूप में जाना जाता है, में विश्व नारियल दिवस का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर, राज्य सरकार ने किसानों के लिए 30 करोड़ रुपये की संशोधित सहायता योजनाओं की घोषणा की है।
इन योजनाओं का उद्देश्य बढ़ती कृषि लागत, उर्वरक की कीमतों में वृद्धि, कीटों से होने वाले नुकसान और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली फसल हानि जैसी समस्याओं का समाधान करना है। कुछ योजनाओं में वित्तीय सहायता को लगभग दस गुना तक बढ़ाया गया है, जिससे किसानों को काफी राहत मिलेगी।
केरल में लगभग 10,000 हेक्टेयर भूमि पर नारियल की खेती होती है, जो देश में नारियल की खेती का एक बड़ा हिस्सा है।
केरा सुरक्षा बीमा योजना को भी मजबूत किया गया है। अब नारियल क्षेत्र के श्रमिकों को 7 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा, जिसके लिए प्रति व्यक्ति वार्षिक प्रीमियम केवल 143 रुपये है। इससे क्षेत्र के हजारों मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
गुजरात: नारियल उत्पादन में वृद्धि और वित्तीय सहायता
गुजरात में भी नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि गुजरात में नारियल की खेती का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। पिछले एक दशक में, खेती का क्षेत्र 5,746 हेक्टेयर तक बढ़ गया है। वर्तमान में, गुजरात में सालाना 260.9 मिलियन से अधिक कच्चे नारियल का उत्पादन होता है।
राज्य सरकार ने गुजरात नारियल विकास कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत किसानों को वृक्षारोपण लागत का 75% तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो प्रति हेक्टेयर 37,500 रुपये तक है। इसके अतिरिक्त, एकीकृत पोषण और कीट प्रबंधन के लिए, किसानों को 50% सहायता मिलती है, जो प्रति हेक्टेयर 5,000 रुपये तक सीमित है।
निष्कर्ष
विश्व नारियल दिवस नारियल किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। केरल और गुजरात सरकारों द्वारा शुरू की गई नई योजनाओं से किसानों को काफी लाभ होगा और नारियल की खेती को बढ़ावा मिलेगा।