अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में उछाल

अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) और रिलायंस पावर (Reliance Power) के शेयरों में पिछले कुछ दिनों में तेजी देखी गई है। यह उछाल महत्वपूर्ण परियोजना-संबंधी घोषणाओं के कारण आया है, जिससे निवेशकों की भावनाएं मजबूत हुई हैं।

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को मिला NHPC से बड़ा प्रोजेक्ट

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को NHPC (Navratna Hydroelectric Power Corporation) से 390 मेगावाट के अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) से जुड़े सौर ऊर्जा परियोजना (Solar Power Project) और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) के लिए लेटर ऑफ अवार्ड (LoA) मिला है। इस परियोजना के पूरा होने पर रिलायंस समूह के पोर्टफोलियो में 700 मेगावाट सौर डीसी क्षमता और 780 MWh की भंडारण क्षमता जुड़ जाएगी।

इस प्रोजेक्ट के लिए टैरिफ 3.13 रुपये प्रति किलोवाट घंटे (kWh) तय किया गया है, जो इसे भारत के ऊर्जा परिवर्तन परिदृश्य में सबसे प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले प्रस्तावों में से एक बनाता है। NHPC द्वारा जारी टेंडर में 15 कंपनियों ने भाग लिया, जिनमें से 14 ई-रिवर्स नीलामी के लिए योग्य थीं। यह लगभग चार गुना ओवरसब्सक्राइब हुआ, जो डिस्पैचेबल नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों में बढ़ती उद्योग रुचि को दर्शाता है।

रिलायंस पावर की भूटान में संयुक्त उद्यम में भागीदारी

रिलायंस पावर ने भूटान में एक नए संयुक्त उद्यम में भाग लेने की घोषणा की है, जिससे उसका स्वच्छ ऊर्जा पोर्टफोलियो मजबूत होगा। इस नए प्रोजेक्ट के साथ, रिलायंस ग्रुप की संयुक्त स्वच्छ ऊर्जा पाइपलाइन अब 3 GW से अधिक की सौर डीसी क्षमता और 3.5 GWh की BESS क्षमता तक पहुंच गई है।

शेयरों में उछाल

बुधवार को बीएसई (BSE) पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का स्टॉक दो दिनों में 10.28% बढ़कर 289.25 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि रिलायंस पावर इसी अवधि में 10.2% बढ़कर 47.70 रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गया।

इन घटनाक्रमों ने रिलायंस समूह को एकीकृत सौर प्लस BESS खंड में भारत का सबसे बड़ा खिलाड़ी बना दिया है। यह उपलब्धि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने और राष्ट्र के सतत ऊर्जा भविष्य में योगदान करने के समूह के रणनीतिक दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह ध्यान देने योग्य है कि रिलायंस समूह की दो प्रमुख कंपनियां, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और रिलायंस पावर लिमिटेड, ऋण-मुक्त हैं और बैंकों या वित्तीय संस्थानों से उन पर कोई बकाया ऋण नहीं है। समूह की वित्तीय ताकत उसकी नेट वर्थ और वार्षिक टर्नओवर में परिलक्षित होती है।

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