चेन्नई के पास समुद्री दुर्घटना में घायल हुए एक सीरियाई क्रू सदस्य को भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने तत्परता से बचाया और तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की। इस बचाव अभियान में इंटरसेप्टर बोट 'सी-440' और जहाज 'एनी बेसेंट' जैसे संसाधनों का उपयोग किया गया, जिससे ICG ने समुद्री सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने में अपनी दक्षता का प्रदर्शन किया।
यह घटना एमवी हाजे नाफेला नामक पोत से जुड़ी थी, जिसमें एक सीरियाई क्रू सदस्य को समुद्र में चेन्नई के पास सिर में चोट लग गई थी। तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता को देखते हुए, ICG ने तुरंत कार्रवाई की।
संकटकालीन कॉल का तुरंत जवाब देते हुए, ICG ने बचाव अभियान को सुगम बनाने के लिए अपने इंटरसेप्टर बोट 'सी-440' और जहाज 'एनी बेसेंट' को तैनात किया। ऑपरेशन के दौरान निरंतर चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने के लिए शुरुआत में टेली-मेडिकल सलाह प्रदान की गई।
ICG ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से इस सफल मिशन को उजागर किया, जिसमें समुद्री सुरक्षा और तेजी से प्रतिक्रिया क्षमताओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया। इस पोस्ट में #WeProtect, #MaritimeSafety और #MedicalEvacuation जैसे हैशटैग का उपयोग किया गया था। यह घटना भारतीय तटरक्षक बल की मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) कार्यों के प्रति समर्पण को दर्शाती है। ICG लगातार समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय तटरक्षक बल: समुद्री सुरक्षा के प्रहरी
भारतीय तटरक्षक बल न केवल भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा करता है, बल्कि संकट में फंसे नाविकों और जहाजों को सहायता प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बचाव अभियान ICG की तत्परता और क्षमता का एक और प्रमाण है।
टेली-मेडिकल सलाह का महत्व
इस बचाव अभियान में टेली-मेडिकल सलाह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने सुनिश्चित किया कि घायल नाविक को बचाव दल के पहुंचने से पहले ही चिकित्सा सहायता मिलनी शुरू हो जाए। यह दूरदराज के क्षेत्रों में त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने में प्रौद्योगिकी की शक्ति को दर्शाता है।