EPFO: आधार-UAN लिंकिंग हुई आसान, गलतियाँ सुधारें घर बैठे!

EPFO ने आधार-UAN लिंकिंग प्रक्रिया को बनाया और भी सरल

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए आधार को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से लिंक करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब कर्मचारियों को KYC अपडेट करने या प्रोफाइल में सुधार के लिए बार-बार EPFO ऑफिस के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। नई प्रक्रिया के तहत, कई काम घर बैठे ही ऑनलाइन किए जा सकते हैं।

13 अगस्त 2025 से लागू हुए नए नियमों के अनुसार, यदि UAN प्रोफाइल में दर्ज नाम, जन्मतिथि और लिंग आधार कार्ड में दी गई जानकारी से मेल खाते हैं, तो कर्मचारी सीधे अपने नियोक्ता (employer) के माध्यम से KYC पोर्टल से आधार को लिंक कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में EPFO से अलग से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया UAN को अधिक प्रामाणिक और त्रुटि-मुक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

नाम और जेंडर में गलती होने पर क्या करें?

अगर आपके UAN और आधार कार्ड में नाम, जेंडर या जन्मतिथि में कोई अंतर है, तो भी चिंता करने की कोई बात नहीं है। EPFO ने इसके लिए भी समाधान निकाला है। अब नियोक्ता ऑनलाइन जॉइंट डिक्लेरेशन (JD) फंक्शनैलिटी के माध्यम से सुधार के लिए रिक्वेस्ट डाल सकेंगे। इसका मतलब है कि आपको UIDAI सेंटर पर जाकर लाइन में लगने की जरूरत नहीं है।

मुख्य बातें:

  • आधार-UAN लिंकिंग प्रक्रिया हुई आसान
  • घर बैठे करें KYC अपडेट
  • नियोक्ता के माध्यम से ऑनलाइन सुधार की सुविधा
  • 1 अगस्त से नए UAN के लिए आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन अनिवार्य

EPFO का यह कदम कर्मचारियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होगी। अब PF से जुड़ी सुविधाओं का लाभ उठाना और भी आसान हो जाएगा।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1 अगस्त से नए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) बनाने के लिए आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन अनिवार्य कर दिया है। 30 जुलाई को जारी एक सर्कुलर में, ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे नए यूएएन केवल आधार-आधारित फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) के जरिए से ही बनाएं।

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