गुजरात विश्वविद्यालय भूमि घोटाला: कांग्रेस का गंभीर आरोप
अहमदाबाद: गुजरात विश्वविद्यालय एक नए विवाद में घिर गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने 250 करोड़ रुपये की जमीन बिना टेंडर के राधे एंटरप्राइज को फूड कोर्ट के लिए दे दी। इस मामले में जल्द ही लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
कांग्रेस का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियमों का उल्लंघन करते हुए राधे एंटरप्राइज को 15,000 वर्ग गज जमीन 11 महीने के लिए दे दी। गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पार्थिवराजसिंह काठवाड़िया ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा यह भूमि घोटाला बेहद शर्मनाक है।
उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी मूल्यवान जमीन बिना टेंडर के राधे एंटरप्राइज को क्यों दी गई? क्या यह जमीन शिक्षा मंत्री के इशारे पर दी गई थी? राधे एंटरप्राइज के लिए ऐसा क्या प्रेम उमड़ा कि इतनी मूल्यवान जमीन बिना किसी टेंडर के सिर्फ एक पत्र पर पट्टे पर दे दी गई?
चिंताएं और सवाल
कांग्रेस ने यह भी चिंता जताई कि विश्वविद्यालय की जमीन का उपयोग छात्रों और शिक्षा के बजाय अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। उन्होंने पूछा कि क्या इस जगह को आवंटित करने से पहले उद्देश्य पर चर्चा की गई थी? क्या वहां एक निजी फूड मार्केट बनाया जाएगा? क्या छात्रों की जमीन का इस्तेमाल फन पार्क के लिए किया जाएगा?
- क्या यह जमीन शिक्षा मंत्री के इशारे पर दी गई?
- क्या शिक्षा मंत्री या उनके कोई सहयोगी इसमें भागीदार हैं?
- गुजरात विश्वविद्यालय जमीन को विरासत में मिली संपत्ति की तरह बांट रहा है।
कांग्रेस ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है और विश्वविद्यालय प्रशासन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस घोटाले में शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। यह मामला गुजरात की राजनीति में गरमा गया है और आने वाले दिनों में इसके और भी खुलासे होने की संभावना है।