ट्रंप का टैरिफ़ हमला: भारत पर असर और वैश्विक प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के खिलाफ टैरिफ़ दोगुना कर 50% करने के फैसले ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है। ट्रंप ने इस कदम के पीछे रूस-यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने का तर्क दिया है, आरोप लगाते हुए कि भारत रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदकर उसे युद्ध जारी रखने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।

भारत का जवाब और रक्षा सौदों पर असर

भारत ने ट्रंप के इस कदम को 'अतार्किक' बताया है और जोर देकर कहा है कि अमेरिका और यूरोपीय देश भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। इस बीच, रक्षा मंत्रालय ने उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि टैरिफ़ तनाव के कारण भारत ने अमेरिका के साथ रक्षा सौदे स्थगित कर दिए हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत-अमेरिका रक्षा सौदों को रद्द करने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है और अमेरिका से आपूर्ति मौजूदा अनुबंधों के अनुसार जारी रहेगी।

चीन का रुख और वैश्विक तेल बाजार

ट्रंप की टैरिफ़ बढ़ाने की धमकी के बावजूद, चीन ने भी रूस से तेल खरीद का बचाव किया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन का रूस सहित दुनिया के सभी देशों के साथ सामान्य आर्थिक, व्यापारिक और ऊर्जा सहयोग करना वैध है और वह अपनी राष्ट्रीय जरूरतों के हिसाब से ऊर्जा सुरक्षा के लिए कार्य करेगा। चीन ने जुलाई में रूस से 10 अरब डॉलर से ज्यादा का आयात किया, जो मार्च के बाद सबसे ज्यादा है।

विश्लेषण और आगे की राह

ट्रंप का यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है और वैश्विक व्यापार पर भी इसका असर पड़ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और अमेरिका इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं और इसका वैश्विक तेल बाजार और भू-राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञ इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और आने वाले दिनों में और अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है।

  • भारत ने ट्रंप के टैरिफ़ को अतार्किक बताया
  • रक्षा मंत्रालय ने रक्षा सौदे स्थगित करने की खबरों का खंडन किया
  • चीन ने रूस से तेल खरीद का बचाव किया

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