भारतीय डाक विभाग ने एक बड़ा बदलाव करते हुए रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को स्पीड पोस्ट में विलय करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय 1 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। इस फैसले के बाद रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा पूरी तरह से बंद हो जाएगी। बताया जा रहा है कि रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल कम होने के कारण यह कदम उठाया गया है। डिजिटल सेवाओं और कूरियर सेवाओं के बढ़ते उपयोग के कारण रजिस्टर्ड मेल की मात्रा में 2011-2012 से 2019-2020 तक 25% की गिरावट आई है।
रजिस्टर्ड पोस्ट बंद होने का क्या होगा असर?
रजिस्टर्ड पोस्ट बंद होने से उन कानूनी प्रावधानों पर असर पड़ेगा जो पत्रों/संचारों की 'डीम्ड सर्विस' प्रदान करते हैं। जनरल क्लॉजेस एक्ट, 1897 की धारा 27 के अनुसार, यदि कोई पत्र रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा सही पते पर भेजा जाता है, तो सेवा को 'प्रभावित माना जाता है'। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति यह साबित नहीं कर पाता है कि उसे पत्र नहीं मिला, तो यह माना जाएगा कि उसे पत्र मिल गया है।
स्पीड पोस्ट से क्या बदलेगा?
स्पीड पोस्ट सेवा रजिस्टर्ड पोस्ट की तुलना में थोड़ी महंगी है, लेकिन यह अधिक तेज़ और विश्वसनीय मानी जाती है। स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे गए पत्रों को ट्रैक करना भी आसान है। हालांकि, स्पीड पोस्ट में 'डीम्ड सर्विस' का प्रावधान नहीं है। इसलिए, यह देखना होगा कि सरकार इस कमी को कैसे दूर करती है।
- रजिस्टर्ड पोस्ट 1 सितंबर 2025 से बंद हो जाएगी।
- यह फैसला रजिस्टर्ड पोस्ट के कम उपयोग के कारण लिया गया है।
- जनरल क्लॉजेस एक्ट, 1897 की धारा 27 पर इसका असर पड़ेगा।
- स्पीड पोस्ट रजिस्टर्ड पोस्ट की तुलना में तेज़ और विश्वसनीय है।
यह बदलाव कई लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो कानूनी नोटिस या महत्वपूर्ण दस्तावेज भेजने के लिए रजिस्टर्ड पोस्ट पर निर्भर रहते हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्पीड पोस्ट सेवा रजिस्टर्ड पोस्ट के समान स्तर की सुरक्षा और विश्वसनीयता प्रदान करे।