यूक्रेन को क्रोएशिया का समर्थन: रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए नई पहल

यूक्रेन को क्रोएशिया का समर्थन: रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए नई पहल

क्रोएशिया यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए वित्तीय और सैन्य सहायता प्रदान करेगा। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने क्रोएशियाई प्रधान मंत्री आंद्रेज प्लेनकोविच के साथ एक टेलीफोन वार्ता के दौरान इस समर्थन की घोषणा की। जेलेंस्की ने क्रोएशिया के नागरिकों को विजय दिवस और मातृभूमि धन्यवाद दिवस पर बधाई दी, जिसे क्रोएशियाई रक्षकों के दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

वार्ता के दौरान, दोनों नेताओं ने यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए क्रोएशिया द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की। जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर इस बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और शांति के महत्व को यूक्रेनियन से बेहतर कोई नहीं समझता है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूसी हमलों में वृद्धि और यूक्रेनी सैनिकों को मजबूत करने के लिए भागीदारों के साथ सहयोग पर भी जानकारी दी। उन्होंने अमेरिकी हथियारों की खरीद के लिए एक नए तंत्र पर भी चर्चा की, जो पहले से ही प्रभावी ढंग से काम कर रहा है।

SAFE तंत्र और क्रोएशिया का योगदान

जेलेंस्की के अनुसार, क्रोएशिया SAFE तंत्र के माध्यम से यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में योगदान देगा। SAFE कार्यक्रम यूरोपीय आयोग की 'रीआर्म यूरोप' योजना का पहला उपकरण है, जिसे 'रेडीनेस 2030' के रूप में भी जाना जाता है। इस योजना के तहत, यूरोपीय संघ के देशों में रक्षा खर्च में 800 बिलियन यूरो से अधिक की वृद्धि का प्रावधान है।

अन्य यूरोपीय सहयोगियों का समर्थन

नीदरलैंड, स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क जैसे अन्य यूरोपीय सहयोगियों ने भी यूक्रेन को उच्च प्राथमिकता वाले अमेरिकी हथियार प्रदान करने के लिए एक नई नाटो पहल के लिए एक बिलियन डॉलर से अधिक आवंटित करने का निर्णय लिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका और नाटो ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत यूरोपीय देशों द्वारा वित्त पोषित अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति यूक्रेन को की जाएगी।

निष्कर्ष

क्रोएशिया और अन्य यूरोपीय सहयोगियों का समर्थन यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह समर्थन ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन रूसी आक्रमण का सामना कर रहा है और अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहा है।

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