उत्तर प्रदेश में बाढ़ की भयावह स्थिति
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना नदियाँ उफान पर हैं, जिससे कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई गांव जलमग्न हो गए हैं और हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है।
आगरा में भी गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे कांवड़ मार्ग तक पानी पहुंच गया है। इससे कांवड़ियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पटियाली इलाके के कई गांवों में भी पानी घुस गया है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
वाराणसी में शवदाह में भी कठिनाई
वाराणसी में बाढ़ के कारण शवदाह करने में भी कठिनाई हो रही है। गंगा के किनारे बने श्मशान घाट जलमग्न हो गए हैं, जिससे अंतिम संस्कार करने में दिक्कतें आ रही हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उन्हें भोजन, पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। हालांकि, पीड़ितों में जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश भी देखने को मिल रहा है।
आगे की राह
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और भी खराब हो सकती है। सरकार और प्रशासन को मिलकर बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। यह जरूरी है कि नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाए।