इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने पूरे देश में आधार आधारित चेहरे की पहचान (फेस ऑथेंटिकेशन) सुविधा शुरू कर दी है। यह सुविधा ग्राहकों के लेनदेन को और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएगी, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए। शुक्रवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के ढांचे के तहत विकसित यह फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा ग्राहकों को चेहरे की पहचान का उपयोग करके बैंकिंग लेनदेन करने में सक्षम बनाएगी। इससे भौतिक बायोमेट्रिक इनपुट जैसे फिंगरप्रिंट या ओटीपी की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
आईपीपीबी का नजरिया
आईपीपीबी के एमडी और सीईओ आर विस्वेस्वरन ने कहा, 'आईपीपीबी में, हम मानते हैं कि बैंकिंग न केवल सुलभ होनी चाहिए, बल्कि सम्मानजनक भी होनी चाहिए। आधार आधारित चेहरे की पहचान के साथ, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट या ओटीपी सत्यापन में सीमाओं के कारण कोई भी ग्राहक पीछे न छूटे। यह बड़े पैमाने पर वित्तीय समावेशन को फिर से परिभाषित करने की दिशा में एक कदम है।'
यह सुविधा बुजुर्गों, दिव्यांगों और घिसे हुए फिंगरप्रिंट वाले व्यक्तियों को लेनदेन करने में मदद करेगी। बयान में कहा गया है कि यह ओटीपी या फिंगरप्रिंट सेंसर पर निर्भरता के बिना आधार प्रमाणीकरण को सुरक्षित करेगा और स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान सुरक्षित बैंकिंग को सक्षम करेगा, जहां शारीरिक संपर्क जोखिम भरा हो सकता है।
सुरक्षित और आसान बैंकिंग
- चेहरे की पहचान से लेनदेन सुरक्षित।
- वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक।
- फिंगरप्रिंट या ओटीपी की आवश्यकता नहीं।
- स्वास्थ्य आपात स्थितियों में सुरक्षित बैंकिंग।