अमेरिकी शेयर बाजार कमजोर नौकरियों के आंकड़ों और राष्ट्रपति ट्रंप की व्यापार नीतियों के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ। वॉल स्ट्रीट में भारी बिकवाली देखी गई, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई है।
ट्रंप की टैरिफ नीति:
व्हाइट हाउस ने 7 अगस्त से शुरू होने वाली एक नई व्यापार नीति का अनावरण किया है, जो लगभग हर देश को प्रभावित करेगी। इससे दशकों से चली आ रही मुक्त व्यापार नीति से नाता टूट गया है और एक नए संरक्षणवादी युग का संकेत मिलता है। इस नीति के कारण वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ गई है, जिससे शेयर बाजार में गिरावट आई है।
रोजगार अधिकारी को बर्खास्त:
राष्ट्रपति ट्रंप ने श्रम सांख्यिकी ब्यूरो की आयुक्त डॉ. एरिका मैकएंटरफर को बर्खास्त कर दिया है। ट्रंप ने बिना किसी सबूत के उन पर मासिक नौकरियों की रिपोर्ट में "राजनीतिक उद्देश्यों" के लिए हेरफेर करने का आरोप लगाया है। जुलाई में अमेरिका में रोजगार की वृद्धि रुक गई, केवल 73,000 नौकरियां जोड़ी गईं, जबकि मई और जून के कुल आंकड़ों को संयुक्त रूप से 258,000 तक संशोधित किया गया।
फेड में बदलाव:
इस बीच, फेडरल रिजर्व के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के एक सदस्य ने घोषणा की कि वह अपने कार्यकाल के अंत से कई महीने पहले इस्तीफा दे रही हैं, जिससे ट्रंप को उम्मीद से पहले एक प्रतिस्थापन नामित करने की अनुमति मिल जाएगी। फेड में बदलाव की संभावना ने भी बाजार में अस्थिरता बढ़ा दी है।
बाजार की प्रतिक्रिया:
इन घटनाओं के कारण डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में भारी गिरावट आई, जिससे निवेशकों को काफी नुकसान हुआ। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की नीतियों और कमजोर आर्थिक आंकड़ों के कारण निकट भविष्य में बाजार में और गिरावट आ सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और अपने निवेश पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखें।
- टैरिफ नीति से वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ी।
- रोजगार अधिकारी की बर्खास्तगी से डेटा की विश्वसनीयता पर सवाल उठे।
- फेड में बदलाव से मौद्रिक नीति में अनिश्चितता आई।