मैनचेस्टर टेस्ट में अंशुल कंबोज के डेब्यू ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया। कभी मोटापे के लिए ताने सुनने वाले अंशुल आज भारत के 318वें टेस्ट क्रिकेटर बन गए हैं।
शुरुआती दिनों की कठिनाइयाँ
अंशुल के कोच सतीश राणा बताते हैं कि शुरुआती ट्रेनिंग में ही उन्हें अंशुल की प्रतिभा का अंदाजा हो गया था। लेकिन अंशुल का सफर आसान नहीं था। उन्हें अपने मोटापे के कारण काफी आलोचना झेलनी पड़ी। लोग उन्हें 'मोटा' कहकर चिढ़ाते थे।
फिटनेस पर ध्यान
आलोचनाओं से निराश होने की बजाय अंशुल ने अपनी फिटनेस पर ध्यान देना शुरू किया। उन्होंने कड़ी मेहनत की और अपने शरीर को एथलेटिक बनाया। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें हरियाणा की टीम में जगह मिली।
टीम इंडिया में एंट्री
घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद अंशुल को टीम इंडिया में शामिल किया गया। मैनचेस्टर टेस्ट में उन्हें आकाश दीप की जगह खेलने का मौका मिला। टॉस से पहले उन्हें डेब्यू कैप दी गई, जिससे उनका सपना साकार हो गया।
परिवार की प्रतिक्रिया
अंशुल के छोटे भाई संयम ने बताया कि उन्हें अंशुल के डेब्यू के बारे में टॉस के बाद ही पता चला। उन्होंने कहा कि यह उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है।
आगे की राह
अंशुल कंबोज की कहानी प्रेरणादायक है। यह दिखाती है कि अगर आप कड़ी मेहनत और लगन से काम करें तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अंशुल टीम इंडिया के लिए कैसा प्रदर्शन करते हैं।
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