फुटबॉल जगत में उस समय हलचल मच गई जब कोच लुइस एनरिक, चेल्सी के हाथों अपनी टीम पीएसजी की हार के बाद आपा खो बैठे। यह घटना फीफा क्लब विश्व कप के फाइनल में हुई, जिसमें चेल्सी ने पीएसजी को बुरी तरह से हराया। मैच के बाद, लुइस एनरिक को पुर्तगाली खिलाड़ी जोआओ पेड्रो पर हमला करते हुए देखा गया, जिससे खेल जगत में आक्रोश फैल गया।
न्यूयॉर्क के मेटलाइफ स्टेडियम में डोनाल्ड ट्रम्प की उपस्थिति के साथ शुरू हुआ यह टूर्नामेंट एक अप्रत्याशित मोड़ पर समाप्त हुआ। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रगान के साथ एक भव्य प्रदर्शन हुआ, जिसमें सैन्य प्रदर्शन भी शामिल था। ट्रम्प के साथ फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो भी थे।
मैच के दौरान, चेल्सी ने पीएसजी को पछाड़ दिया, जिससे लुइस एनरिक निराश हो गए। दबाव इतना बढ़ गया कि उनके सहायक कोच राफेल पोल को उन्हें सुझाव देने के लिए उठना पड़ा। लेकिन असली विवाद तब हुआ जब चेल्सी के एक खिलाड़ी ने पीएसजी के गोलकीपर डोन्नारुम्मा को धक्का दे दिया, जिससे लुइस एनरिक क्रोधित हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लुइस एनरिक खिलाड़ियों के झुंड की ओर बढ़े और जोआओ पेड्रो को धक्का दे दिया। इस घटना को स्पेनिश टेलीविजन चैनल टेलीसिंको पर प्रसारित नहीं किया गया, क्योंकि चैनल ने पहले ही प्रसारण बंद कर दिया था और 'अगर्रेट अल सिलोन' नामक एक नया कार्यक्रम प्रसारित करना शुरू कर दिया था। चैनल ने चेल्सी को ट्रॉफी सौंपने का दृश्य भी नहीं दिखाया।
इस घटना के बाद, लुइस एनरिक की व्यापक रूप से आलोचना हो रही है। कई लोगों ने उनके व्यवहार को शर्मनाक और अस्वीकार्य बताया है। उनका यह व्यवहार खेल भावना के खिलाफ है, और इससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। यह घटना फुटबॉल जगत के लिए एक सबक है कि दबाव में भी संयम बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर खेल जगत से कई प्रतिक्रियाएं आई हैं। कई खिलाड़ियों और कोचों ने लुइस एनरिक के व्यवहार की निंदा की है। प्रशंसकों ने भी सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त की है।
आगे क्या?
यह देखना बाकी है कि लुइस एनरिक के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। फीफा और पीएसजी दोनों ही इस मामले की जांच कर रहे हैं। यह संभव है कि उन्हें निलंबित कर दिया जाए या उन पर जुर्माना लगाया जाए।
- लुइस एनरिक को अपने व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए।
- फीफा को इस मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
- खिलाड़ियों और कोचों को खेल भावना का सम्मान करना चाहिए।