वेस्ट इंडीज बनाम ऑस्ट्रेलिया: जमैका में गुलाबी गेंद का रोमांच!

वेस्ट इंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बीच जमैका के सबीना पार्क में होने वाले डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर उत्साह चरम पर है। महीनों की अनिश्चितता के बाद, आखिरकार गुलाबी गेंद से यह मुकाबला खेला जाएगा। पहली बार सबीना पार्क में क्रिकेट सेशन के लिए लाइटें जलाई गईं, जिससे मैदान का माहौल पूरी तरह बदल गया।

पिंक बॉल टेस्ट: तैयारी और चुनौतियां

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को काले रंग के स्क्रीन से आ रही गुलाबी गेंद को देखने में थोड़ी परेशानी हो रही थी, वहीं ऑस्ट्रेलियाई फील्डर भी मैदान के अलग-अलग हिस्सों में गेंद को पकड़ने का अभ्यास कर रहे थे। वेस्ट इंडीज के खिलाड़ियों ने भी अगले दिन मैच अधिकारियों के साथ अभ्यास किया। जमैका क्रिकेट और सरकार के लिए यह खुशी की बात है कि सबीना पार्क में डे-नाइट टेस्ट को हरी झंडी मिल गई है।

मैच से पहले, प्रकाश स्तरों को प्रमाणित करने के लिए एक मैक्सिकन विशेषज्ञ ने भी दौरा किया। स्थानीय आयोजक इस टेस्ट मैच को एक यादगार इवेंट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पहले कुछ दिनों में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

ऑस्ट्रेलियाई टीम में बदलाव की संभावना

ऑस्ट्रेलियाई टीम अभी तक अपनी अंतिम एकादश पर निर्णय नहीं ले पाई है। गुलाबी ड्यूक्स गेंद से तालमेल बिठाने के लिए उन्हें थोड़ा और समय चाहिए। पैट कमिंस ने चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने की संभावना जताई है। अगर ऐसा होता है, तो नाथन लियोन को 2013 के बाद पहली बार टीम से बाहर बैठना पड़ सकता है।

  • पिंक बॉल से तालमेल बिठाना चुनौती
  • तेज गेंदबाजों को मिल सकता है मौका
  • नाथन लियोन के खेलने पर संशय

कमिंस ने कहा कि वे विकेट को देखकर ही टीम का चयन करेंगे। लियोन ने पिछले ग्रीष्मकाल में एडिलेड में भारत के खिलाफ अपने आखिरी गुलाबी गेंद टेस्ट में सिर्फ एक ओवर फेंका था। ड्यूक्स गेंद की स्विंग और सीम मूवमेंट को देखते हुए, ऑस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन तेज गेंदबाजों को प्राथमिकता दे सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम किस रणनीति के साथ मैदान में उतरती है।

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