कामरजार: तमिलनाडु के शिक्षा क्रांति के जनक (शिक्षा विकास दिवस)

तमिलनाडु में हर साल कामराज का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता है। उन्हें 'शिक्षा पिता', 'शिक्षा के नेत्र दाता', 'महान नेता', 'कर्म वीर' और 'किंग मेकर' जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। कई लोग उन्हें तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में जानते हैं, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि उन्हें इतनी प्रशंसा क्यों मिलती है। इस अवसर पर, स्कूलों में कामराज के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

तमिलनाडु सरकार हर साल 15 जुलाई को कामराज के जन्मदिन को शिक्षा विकास दिवस के रूप में मनाती है। इस दिन, स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों के लिए भाषण, निबंध, कविता और चित्रकला जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

इस वर्ष की प्रतियोगिताओं में वर्तमान स्कूली छात्र, पूर्व छात्र और शिक्षक भाग ले सकते हैं। विजेताओं को प्रशंसा प्रमाण पत्र और पदक दिए जाएंगे। इन प्रतियोगिताओं के बारे में अधिक जानकारी शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

कामरजार का शिक्षा में योगदान

कामरजार ने तमिलनाडु में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने राज्य भर में हजारों स्कूल खोले और गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा प्रदान की। उन्होंने मध्याह्न भोजन योजना भी शुरू की, जिसने छात्रों के पोषण स्तर में सुधार किया और स्कूल में नामांकन दर को बढ़ाया।

शिक्षा विकास दिवस: शिक्षकों के लिए भी सुनहरा अवसर

इस वर्ष शिक्षा विकास दिवस केवल छात्रों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षकों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। शिक्षक भी विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग ले सकते हैं और पुरस्कार जीत सकते हैं।

  • निबंध प्रतियोगिता
  • भाषण प्रतियोगिता
  • चित्रकला प्रतियोगिता
  • वीडियो प्रतियोगिता

कामरजार एक महान नेता और शिक्षाविद थे। उन्होंने तमिलनाडु में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जन्मदिन शिक्षा विकास दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि उनकी स्मृति को जीवित रखा जा सके और छात्रों को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके।

Compartir artículo