गुरु पूर्णिमा 2024: तिथि, महत्व और गुरु दोष निवारण

गुरु पूर्णिमा: एक महत्वपूर्ण पर्व

गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में गुरुओं को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। माना जाता है कि इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाभारत, पुराणों और वेदों को लिखा था। इसलिए, इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

गुरु पूर्णिमा 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष, गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को सुबह 11:58 बजे शुरू होगी और 21 जुलाई को दोपहर 02:37 बजे समाप्त होगी। इस दौरान भक्त गुरुओं की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु पूर्णिमा का महत्व इसलिए है क्योंकि गुरु ही हमें अज्ञान के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरु हमें सही मार्ग दिखाते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस दिन गुरुओं के प्रति अपनी श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।

गुरु दोष और उसका निवारण

ज्योतिष शास्त्र में गुरु (बृहस्पति) को ज्ञान, धर्म, सुख और उन्नति का कारक माना गया है। कुंडली में गुरु की अशुभ स्थिति या गुरु दोष होने पर व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। गुरु दोष तब बनता है जब गुरु नीच राशि (मकर) में स्थित हो, या शत्रु ग्रहों के साथ हो, या छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो।

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु दोष के निवारण के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:

  • गुरु मंत्र का जाप करें: "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः"
  • पीले वस्त्र दान करें
  • गुरुजनों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें
  • भगवान विष्णु की पूजा करें

पानीपत में गुरु पूर्णिमा

पानीपत में भी गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। प्राचीन श्रीदेवी मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें हवन और कीर्तन शामिल हैं। भक्त गुरुओं की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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