भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सौरव गांगुली 8 जुलाई को 53 साल के हो गए। इस मौके पर, भारत टुडे के अभिलेखागार से एक विशेष साक्षात्कार प्रकाशित किया गया है, जिसमें गांगुली ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में अपने अनुभव साझा किए हैं। गांगुली ने बताया कि कप्तानी एक कठिन काम है और इस दौरान उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
कप्तानी का दबाव
गांगुली ने कहा कि कप्तानी का दबाव बहुत अधिक होता है। उन्हें हमेशा टीम के प्रदर्शन को लेकर चिंता रहती थी और उन्हें हर फैसले को बहुत सोच-समझकर लेना होता था। उन्होंने यह भी कहा कि कप्तानी के दौरान उनके बाल सफेद हो गए थे।
विदेशी श्रृंखला जीतने का सपना
गांगुली ने कहा कि उनका एक सपना है कि वे भारतीय टीम को विदेशी श्रृंखला जिताएं। उन्होंने कहा कि वे कई बार इसके करीब पहुंचे हैं, लेकिन वे अभी तक सफल नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड एक मजबूत टीम है और उसे हराना आसान नहीं होगा, लेकिन उनकी टीम में बहुत प्रतिभा है और उन्हें विश्वास है कि वे इस बार सफल होंगे।
अजहरुद्दीन के रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना
गांगुली ने कहा कि जब उन्होंने कप्तानी शुरू की थी, तो उन्हें नहीं पता था कि वे सफल होंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी रिकॉर्ड तोड़ने के बारे में नहीं सोचा था, लेकिन अब जब वे अजहरुद्दीन के रिकॉर्ड के करीब हैं, तो उन्हें खुशी हो रही है।
टीम में प्रतिभा
गांगुली ने कहा कि उनकी टीम में बहुत प्रतिभा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी इतनी प्रतिभाशाली टीम का हिस्सा नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है और वे किसी भी टीम को हराने में सक्षम हैं।
सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उन्होंने भारतीय टीम को कई यादगार जीत दिलाई हैं और उन्होंने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।