निशिकांत दुबे का ठाकरे बंधुओं पर हमला: 'हमारे पैसे पर जी रहे हो तुम!'

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला है। दुबे ने ठाकरे बंधुओं पर 'हमारे पैसे पर जीने' का आरोप लगाया है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है।

निशिकांत दुबे का आरोप

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में निशिकांत दुबे ने कहा, "तुम क्या कहते हो कि मराठी बोलनी पड़ेगी? तुम किसकी भाकरी खाते हो? यहां टाटा, बिड़ला, रिलायंस जैसे उद्योग हैं। टाटा ने तो पहली फैक्ट्री बिहार में बनाई। हमारे पैसे पर जी रहे हैं। तुम कौन सा टैक्स भर रहे हो? तुम्हारे पास कौन सी फैक्ट्री है?"

उन्होंने आगे कहा, "सारी इंडस्ट्री गुजरात में आ रही है। अगर तुममें ज्यादा हिम्मत है तो उर्दू भाषियों को भी मारकर दिखाओ।" दुबे ने राज ठाकरे के 'मारो, पर वीडियो मत बनाओ' वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी।

विवाद का कारण

महाराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ राजनीतिक दलों ने राज्य में हिंदी के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई। राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने हिंदी साइनबोर्ड और हिंदी में बात करने वालों के खिलाफ आंदोलन भी किया।

उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया

उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनकी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) ने हिंदी के 'जबरदस्ती' इस्तेमाल का विरोध किया है।

आगे क्या होगा?

निशिकांत दुबे के इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में और गर्मी आने की संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ठाकरे बंधु इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और इस विवाद का आगे क्या रुख रहता है। क्या यह विवाद केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा या इसका असर महाराष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा?

  • क्या केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करेगी?
  • क्या महाराष्ट्र सरकार हिंदी भाषा को लेकर कोई नई नीति लाएगी?
  • क्या इस विवाद से महाराष्ट्र और बिहार के संबंधों पर कोई असर पड़ेगा?

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