सिक्किम में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की संसदीय समिति ने गहन समीक्षा की। परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने गंगटोक में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय और सिक्किम सरकार के पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता सांसद संजय कुमार झा ने की, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के कई सदस्यों ने भाग लिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव सी.एस. राव ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें 'जहां प्रकृति मुस्कुराती है' टैगलाइन के तहत राज्य के पर्यावरण-पर्यटन, स्थानीय रोजगार और जलवायु-अनुकूल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया।
सिक्किम पर्यटन विकास के प्रमुख पहलु
- सिक्किम पर्यटक व्यापार अधिनियम, 2024 का कार्यान्वयन।
- नाथुला के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा को बढ़ावा देना।
- प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मेलों में भागीदारी।
राव ने आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की रूपरेखा भी प्रस्तुत की, जिसमें सिंगशोर ब्रिज पर एक ग्लास स्काईवॉक, भालेडुंगा, यांगन में एक स्काईवॉक, स्वदेश दर्शन 2.0 के तहत गंगटोक सांस्कृतिक गांव और युक्सोम में इको-वेलनेस सेंटर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, चार संरक्षक संत परियोजना (प्रसाद योजना) के तहत तीर्थ स्थलों का विकास भी शामिल है।
सिक्किम पर्यटन के लिए भविष्य की योजनाएं
राज्य की 'मेगा होमस्टे परियोजना' के तहत 1,000 नई इकाइयां स्थापित की जाएंगी। सिक्किम इंस्पायर्स कार्यक्रम के तहत महिलाओं और युवाओं के लिए प्रशिक्षण जारी है। सिक्किम को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की दृष्टि है। कौशल विकास और स्थानीय युवा भागीदारी पर जोर दिया जा रहा है। बुनियादी ढांचे, कौशल और डिजिटल पहलों के साथ ग्रामीण पर्यटन विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्रीय समर्थन के साथ पाक्योंग हवाई अड्डे से उड़ान संचालन फिर से शुरू करने और स्टार वर्गीकरण (28 होटल, 1,685 बिस्तर) के साथ मौजूदा आवासों को उन्नत करने की योजना है।
समिति ने प्रगति की सराहना की और सतत पर्यटन पर जोर दिया। सिक्किम पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।