अमेरिकी सरकार का आंशिक कामकाज ठप हो गया है। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच बजट को लेकर सहमति नहीं बन पाई है, जिसके चलते कई सरकारी विभागों और एजेंसियों का कामकाज प्रभावित हुआ है। इस शटडाउन का असर न केवल अमेरिका में बल्कि भारत जैसे देशों पर भी पड़ सकता है।
शटडाउन के कारण
शटडाउन के मुख्य कारणों में से एक स्वास्थ्य सेवा खर्च को लेकर विवाद है। रिपब्लिकन डेमोक्रेट्स पर अवैध आप्रवासियों के लिए स्वास्थ्य सेवा खर्च को सुरक्षित करने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि डेमोक्रेट्स का कहना है कि वे अमेरिकियों के लिए उस पैसे को सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन, एनपीआर फंडिंग और डीईआई कार्यक्रमों जैसे मुद्दों पर भी मतभेद हैं।
SNAP कार्यक्रम पर प्रभाव
शटडाउन का सबसे बड़ा असर सप्लीमेंटल न्यूट्रिशन असिस्टेंस प्रोग्राम (SNAP) पर पड़ सकता है। अगर शटडाउन लंबा खिंचता है, तो SNAP फंडिंग समाप्त हो सकती है, जिससे 11 मिलियन से अधिक वृद्ध वयस्कों को मिलने वाली खाद्य सहायता में देरी हो सकती है।
भारत पर असर
हालांकि शटडाउन का सीधा असर भारत पर कम होगा, लेकिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ सकता है। अमेरिका भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है, और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी से भारत के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट से भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट आ सकती है।
- आर्थिक प्रभाव: अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी से भारत के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- शेयर बाजार: अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट से भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट आ सकती है।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध: अमेरिका में राजनीतिक अस्थिरता से भारत-अमेरिका संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।
अमेरिकी सरकार के शटडाउन की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। यह देखना होगा कि डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन कब तक किसी समझौते पर पहुंचते हैं।