दशहरा 2025: रावण दहन की तैयारी, परंपरा और विविधता

दशहरा 2025: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व

दशहरा, भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस साल, 2 अक्टूबर को पूरे देश में दशहरा धूमधाम से मनाया जाएगा। रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाएंगे, जो बुराई के प्रतीक हैं।

इस त्योहार को मनाने के तरीके में विविधता देखने को मिलती है। जालंधर में, एक मुस्लिम परिवार तीन पीढ़ियों से रावण के पुतले बना रहा है। यह परिवार दशहरा से पहले शहर पहुंचता है और पुतलों के लिए सामग्री जुटाता है। उनका कहना है कि यह उनकी परंपरा है, और वे इसे आगे बढ़ाते रहेंगे। इस बार यह परिवार 12 पुतले तैयार करेगा जिनकी कीमत 80 हजार से 1.40 लाख रुपये तक होगी। यह हिंदू-मुस्लिम एकता का भी एक सुंदर उदाहरण है।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी दशहरा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। शहर में 200 से ज्यादा जगहों पर रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यहां देश का सबसे छोटा रावण दहन भी होगा, साथ ही 111 फीट का विशाल रावण भी जलाया जाएगा। भोपाल के कोलार, छोला, टीटी नगर, जंबूरी मैदान, न्यू मार्केट और अवधपुरी जैसे प्रमुख स्थानों पर भव्य आयोजन किए जाएंगे।

जम्मू में, एक परिवार 50 वर्षों से रावण के पुतले बना रहा है। यह उनका पुश्तैनी कारोबार है, और नई पीढ़ी इसे आगे बढ़ा रही है। वे विभिन्न क्लबों के साथ मिलकर काम करते हैं और हर साल पुतले बनाते हैं। इससे उनकी रोजी-रोटी भी चलती रहती है।

दशहरा का महत्व

दशहरा केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक संदेश भी है। यह हमें सिखाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में अच्छाई की ही जीत होती है। यह हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

दशहरा 2025: एक यादगार पर्व

दशहरा 2025 निश्चित रूप से एक यादगार पर्व होगा। पूरे देश में लोग उत्साह और उमंग के साथ इस त्योहार को मनाएंगे। यह त्योहार हमें एक साथ आने और खुशियां बांटने का अवसर प्रदान करता है।

  • रावण दहन का शुभ मुहूर्त
  • दशहरा की पूजा विधि
  • दशहरा के शुभकामना संदेश

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