LTTE फंडिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की बड़ी कार्रवाई
चेन्नई की एक विशेष एनआईए अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक श्रीलंकाई महिला, जो LTTE से जुड़ी है, से मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में जेल के अंदर पूछताछ करने की अनुमति दी है। इस कदम से धन और शामिल नेटवर्क का पता लगाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
मैरी फ्रांसिस्का लेटचुमनन, श्रीलंकाई मूल की एक महिला, वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पहले से ही लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (एलटीटीई) के साथ कथित संबंधों के लिए उसकी जांच कर रही है। मनी लॉन्ड्रिंग जांच 2022 में दर्ज एनआईए मामले का अनुवर्ती है।
अधिकारियों के अनुसार, फ्रांसिस्का पर नकली भारतीय पहचान दस्तावेज प्राप्त करने और मुंबई स्थित एक बैंक खाते से धन निकालने के लिए उनका उपयोग करने का आरोप है। इन फंडों का इस्तेमाल LTTE से संबंधित गतिविधियों का समर्थन करने के लिए किया गया था।
ईडी, जो मामले के वित्तीय पहलुओं की जांच कर रही है, ने अदालत में तर्क दिया कि अवैध धन प्रवाह में शामिल व्यक्तियों और नेटवर्क का पता लगाने के लिए उसकी पूछताछ आवश्यक है। अदालत सहमत हो गई और ईडी अधिकारियों को आरोपी से पूछताछ करने के लिए दो दिनों के लिए जेल जाने की अनुमति दे दी।
अदालत ने ईडी को जेल-आधारित पूछताछ के दौरान लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य आवश्यक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने के लिए भी अधिकृत किया। चूंकि आरोपी पहले से ही न्यायिक हिरासत में है, इसलिए ईडी को बाहरी पूछताछ के लिए शारीरिक हिरासत नहीं दी गई।
यह मामला भारत में आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ईडी की जांच से LTTE के वित्तीय नेटवर्क और भारत में उनकी गतिविधियों को उजागर करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
आगे क्या?
- ईडी दो दिनों तक जेल में मैरी फ्रांसिस्का से पूछताछ करेगी।
- जांचकर्ता धन के स्रोत और प्राप्तकर्ताओं का पता लगाने की कोशिश करेंगे।
- ईडी LTTE के साथ जुड़े अन्य व्यक्तियों और नेटवर्क की भी जांच करेगी।