मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच लोढ़ा डेवलपर्स के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा से जुड़े 85 करोड़ रुपये के कथित भूमि मूल्यांकन घोटाले में शिकंजा कस रही है। जांचकर्ताओं ने राजेंद्र लोढ़ा के बेटे साहिल लोढ़ा के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने पर विचार कर रही है। साहिल को मामले में सह-आरोपी बनाया गया है और वह पूछताछ के लिए पुलिस के समन को बार-बार अनदेखा कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, साहिल के टालमटोल रवैये के कारण जांचकर्ता लुकआउट नोटिस जारी करने पर विचार कर रहे हैं, जो आमतौर पर तब जारी किया जाता है जब किसी आरोपी के देश से भागने की आशंका होती है। पिछले सप्ताह, क्राइम ब्रांच ने राजेंद्र लोढ़ा को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद लोढ़ा डेवलपर्स लिमिटेड ने उनके, उनके बेटे और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कई भूमि सौदों में धोखाधड़ी से कम मूल्यांकन और छिपाने का आरोप लगाया गया है।
क्या है पूरा मामला?
एफआईआर के अनुसार, 7 फरवरी, 2023 को, राजेंद्र लोढ़ा ने भोपर गांव, डोंबिवली में 0.90 एकड़ जमीन एनबीपी एडुटेक इंफ्राटेक एलएलपी को हस्तांतरित की, जिसमें साहिल एक भागीदार है। कन्वेंस डीड में बिक्री 2.75 करोड़ रुपये में दर्ज की गई, जो पंजीकरण और स्टाम्प के महानिरीक्षक (आईजीआर) के 9 करोड़ रुपये से अधिक के मूल्यांकन से बहुत कम है। बाजार अनुमानों ने भूमि की कीमत लगभग 20 करोड़ रुपये प्रति एकड़ आंकी थी।
कंपनी के पैसे का दुरुपयोग?
शिकायत में आगे आरोप लगाया गया है कि राजेंद्र ने सौदे की संबंधित-पार्टी प्रकृति को छुपाया, जिससे कॉर्पोरेट गवर्नेंस मानदंडों का उल्लंघन हुआ। भूमि एक स्कूल के लिए आरक्षित थी, जो शिक्षा पर लोढ़ा डेवलपर्स के सीएसआर फोकस के अनुरूप थी। जांचकर्ता इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या राजेंद्र लोढ़ा ने हस्तांतरण के बाद उसी भूमि पर निर्माण के लिए कंपनी के 2.5 करोड़ रुपये के पैसे का दुरुपयोग किया।
राजेंद्र लोढ़ा की हिरासत बढ़ी
मुंबई की एक अदालत ने लोढ़ा के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा की पुलिस हिरासत 29 सितंबर तक बढ़ा दी है। मुंबई अपराध शाखा की संपत्ति सेल के जांचकर्ताओं ने उन्हें एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया था। पुलिस ने अदालत को बताया कि उन्हें पैसे और बेनामी कंपनियों का पता लगाने की जरूरत है। पुलिस ने कई गवाहों का भी पता लगाया है जिन्होंने राजेंद्र लोढ़ा के खिलाफ गवाही दी है।
- जांचकर्ताओं को राजेंद्र के कंप्यूटर और फोन से डेटा भी मिला है।
- उन्हें अन्य आरोपियों के साथ बड़े नकद लेनदेन का संकेत देने वाले कई दस्तावेज मिले हैं।
- पुलिस को यह भी पता चला है कि कंपनी के स्वामित्व वाली एक भूमि को राजेंद्र ने एक पूर्व कर्मचारी के नाम पर बेच दिया था।