पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए गए भाषण ने एक बार फिर विवादों को जन्म दिया है। उनके भाषण के कुछ अंश, जैसे कि जलवायु परिवर्तन को 'धोखा' बताना और संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य पर सवाल उठाना, आलोचनाओं के घेरे में हैं। NewsRpt.com इस भाषण के मुख्य बिंदुओं और उस पर हो रही प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण प्रस्तुत करता है।
ट्रंप का बिना टेलीप्रॉम्प्टर भाषण और दावे
ट्रंप ने बिना टेलीप्रॉम्प्टर के भाषण देने का विकल्प चुना, और कहा कि इससे वह 'दिल से' बात कर पाएंगे। उन्होंने अपने प्रशासन के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका को 'सबसे गर्म' देश बताया, और दावा किया कि कोई अन्य देश उसके करीब भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पहले कार्यकाल में उन्होंने देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का निर्माण किया।
भाषण के मुख्य अंश
- संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य पर सवाल
- जलवायु परिवर्तन को 'धोखा' बताया
- अपने प्रशासन की उपलब्धियों का बखान
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ट्रंप के भाषण पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई है। कुछ लोगों ने उनके दावों का समर्थन किया है, जबकि अन्य ने उनकी आलोचना की है। इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी के सीईओ डेविड मिलिबैंड ने ट्रंप के भाषण पर चिंता व्यक्त की है, और कहा है कि यह वैश्विक सहयोग के लिए हानिकारक हो सकता है।
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