महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना के लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य कर दिया है। इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थियों को 18 सितंबर, 2025 से दो महीने के भीतर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। सरकार का यह कदम अपात्र दावेदारों को हटाने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि प्रतिमाह 1,500 रुपये का लाभ केवल वास्तविक लाभार्थियों तक ही पहुंचे।
ई-केवाईसी क्यों है ज़रूरी?
महाराष्ट्र महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है कि इस योजना के लाभार्थियों को हर साल जून महीने में अपना ई-केवाईसी पूरा करना होगा। इस वित्तीय वर्ष के लिए, लाभार्थियों को परिपत्र जारी होने की तारीख, 18 सितंबर, 2025 से दो महीने के भीतर अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य करने का उद्देश्य योजना में पारदर्शिता लाना और यह सुनिश्चित करना है कि केवल योग्य महिलाएं ही इस योजना का लाभ उठा सकें। इससे अपात्र लोगों को योजना से बाहर किया जा सकेगा और सरकारी धन का दुरुपयोग रोका जा सकेगा।
ई-केवाईसी कैसे करें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि ई-केवाईसी प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक है। यह महिलाओं को भविष्य में अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी मदद करेगी।
सरकार ने पहले ही कह दिया है कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्ति को अपने आधार नंबर का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा या आधार को प्रमाणित करना होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग को यूआईडीएआई द्वारा सब-एयूए/सब-केयूए के रूप में नियुक्त किया गया है। इसलिए, महिला एवं बाल विकास विभाग योग्य लाभार्थियों को सत्यापित और प्रमाणित करने के लिए ई-केवाईसी के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण कर रहा है।
समय सीमा का ध्यान रखें
सभी लाभार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे 18 सितंबर, 2025 से दो महीने के भीतर अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर लें। ऐसा न करने पर उन्हें योजना का लाभ मिलना बंद हो सकता है।
यह योजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य करके, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इस योजना का लाभ केवल वास्तविक लाभार्थियों तक ही पहुंचे।