बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का नाम आज सफलता का पर्याय है। लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब उनकी कंपनी अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ABCL) दिवालिया हो गई थी। इस मुश्किल दौर का खुलासा खुद अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में किया था।
ABCL की स्थापना 1995 में हुई थी। इसका उद्देश्य फिल्मों का निर्माण और इवेंट मैनेजमेंट करना था। लेकिन, कंपनी को जल्द ही वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा।
'मेजर साब' के दौरान आई मुश्किल
फिल्म 'मेजर साब' के निर्माण के दौरान ABCL की वित्तीय स्थिति बिगड़ने लगी। फिल्म का निर्देशन कर रहे टीनू आनंद ने एक इंटरव्यू में बताया कि ABCL की वित्तीय अस्थिरता के कारण उन्हें फिल्म बनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
टीनू आनंद ने कहा, "जब अमिताभ बच्चन कॉरपोरेट हो गए, तो वे दिवालिया हो गए। दुर्भाग्य से, मैं उस समय उनके लिए अपनी फिल्म 'मेजर साब' बना रहा था। हमने ऐसी कठिन परिस्थितियों में काम किया, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। निर्माता के पास पैसे नहीं थे और उन्होंने पूरे यूनिट को एक होटल में रखा था। हर दूसरे दिन क्रू हड़ताल पर चला जाता था क्योंकि उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा था।"
क्रू को नहीं मिल रहा था भुगतान
टीनू आनंद ने आगे बताया कि फिल्म और चुनौतियों ने उन्हें इतना परेशान कर दिया कि उन्होंने फिर कभी फिल्म का निर्देशन नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, "'मेजर साब' के बाद मैंने कभी निर्देशन नहीं करने का फैसला किया। जिस दर्द से मैं गुजरा हूं, उसे कोई नहीं जान सकता। यूनिट ने मेरा अपमान किया, मैं उन्हें थप्पड़ मार सकता था, लेकिन यह मेरा प्रोडक्शन नहीं था।"
अमिताभ बच्चन के लिए यह दौर बेहद चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से दोबारा सफलता हासिल की। आज वे भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सितारों में से एक हैं।