आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 सितंबर, 2025 तक रिटर्न भरने वाले लाखों करदाता अब अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों के लिए, यह पूरी प्रक्रिया का सबसे प्रत्याशित हिस्सा होता है। लेकिन सवाल यह है कि वास्तव में आपके बैंक खाते में पैसा कब तक आ सकता है?
आयकर रिफंड प्राप्त करने की समयसीमा
रिफंड प्रक्रिया तब शुरू होती है जब आपका ITR सफलतापूर्वक ई-वेरिफाई हो जाता है। कई सीधे मामलों में, करदाताओं को कुछ ही दिनों में राशि मिल जाती है। कुछ ने तो उसी दिन रिफंड जमा होने की भी सूचना दी है, खासकर जब रिफंड एक छोटी राशि हो।
औसतन, हालांकि, रिफंड आमतौर पर दाखिल करने के चार से पांच सप्ताह के भीतर जमा हो जाता है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि लगने वाला समय आयकर विभाग द्वारा धारा 143(1) के तहत की गई आंतरिक जांच पर निर्भर करता है। छोटे रिफंड अक्सर तेजी से संसाधित होते हैं, जबकि बड़े या अधिक जटिल मामलों में अधिक समय लग सकता है।
इस वर्ष, कटौतियों और छूटों पर नई जांच के कारण उन लोगों के लिए थोड़ी देरी हो सकती है जिन्होंने उन्हें दावा किया है।
देरी क्यों हो सकती है?
रिफंड में तब देरी हो सकती है जब रिटर्न में जटिलताएं हों, जैसे कि पूंजीगत लाभ या व्यावसायिक आय। ऐसे मामलों में, विभाग रिफंड जारी करने से पहले जानकारी की क्रॉस-चेकिंग कर सकता है। यदि विसंगतियां पाई जाती हैं, तो करदाताओं को विभाग से एक संचार प्राप्त हो सकता है और उन्हें तुरंत जवाब देने की आवश्यकता हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ रिफंड एक सप्ताह से भी कम समय में जमा हो जाते हैं, जबकि अन्य में लगभग एक महीना लग सकता है, खासकर जब बड़ी संख्या में रिटर्न संसाधित किए जा रहे हों। इसलिए, धैर्य रखें और अपने ITR स्टेटस को नियमित रूप से जांचते रहें।
- समय पर ITR दाखिल करें
- ई-वेरिफिकेशन तुरंत करें
- अपने बैंक खाते की जानकारी सही दें
- आयकर विभाग से किसी भी संचार का तुरंत जवाब दें
उम्मीद है कि ये सुझाव आपको अपना ITR रिफंड जल्दी प्राप्त करने में मदद करेंगे।