भारत-पाकिस्तान मैच पर राजनीतिक घमासान: बहिष्कार की मांग क्यों?
एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच ने देश में एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, विपक्षी दलों और पीड़ितों के परिवारों ने मैच के बहिष्कार की मांग की है। उनका कहना है कि जब देश में इतना दुख है, तो क्रिकेट खेलना उचित नहीं है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने पूछा है कि 26 लोगों की जान की कीमत ज्यादा है या मैच से हुई कमाई की? ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या बीसीसीआई को क्रिकेट मैच से मिलने वाले 2000-3000 करोड़ रुपये, 26 नागरिकों की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं?
बीजेपी का क्या कहना है?
वहीं, बीजेपी और केंद्रीय मंत्रियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के चलते इस मैच को टाला नहीं जा सकता। पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब एसीसी या आईसीसी जैसे बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट होते हैं तो खेलना जरूरी हो जाता है। उनका तर्क है कि भारत का टूर्नामेंट में हिस्सा लेना नियमों की मजबूरी है।
जनता की राय बंटी हुई
इस मुद्दे पर जनता की राय भी बंटी हुई है। कुछ लोग मैच का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग बहिष्कार के पक्ष में हैं। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर जमकर बहस हो रही है।
- बहिष्कार के समर्थक: इनका मानना है कि यह मैच शहीदों का अपमान है और इसे रद्द कर देना चाहिए।
- मैच के समर्थक: इनका कहना है कि खेल को राजनीति से दूर रखना चाहिए और मैच से दोनों देशों के बीच संबंध सुधर सकते हैं।
अब देखना यह है कि इस राजनीतिक घमासान का मैच पर क्या असर पड़ता है। क्या सरकार बहिष्कार की मांग को मानेगी या मैच अपने निर्धारित समय पर होगा?