टाटा कैपिटल का बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO), जो इस साल घरेलू बाजारों में आने वाला है, पहले से ही अनलिस्टेड बाजार की गर्मी महसूस कर रहा है। मजबूत चर्चा के बावजूद, UnlistedZone और Sharescart.com के आंकड़ों के अनुसार, इसके शेयर अप्रैल के शिखर 1,125 रुपये से लगभग 30% गिरकर लगभग 785 रुपये पर आ गए हैं।
वित्तीय क्षेत्र में कमजोर धारणा, अनलिस्टेड बाजारों के भीतर मूल्य खोज में चुनौतियां और टाटा कैपिटल के बढ़े हुए मूल्यांकन के बारे में चिंताओं सहित कई प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच अनलिस्टेड शेयर की कीमतों पर दबाव आया है।
शेयरों में गिरावट के 5 कारण:
- अनलिस्टेड बाजारों की अस्थिरता: हाईब्रो सिक्योरिटीज के संस्थापक और एमडी तरुण सिंह इस तेज गिरावट को अनलिस्टेड बाजार की "क्लासिक विशेषता" बताते हैं, जहां कम तरलता कीमतों को बड़े उतार-चढ़ावों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाती है।
- HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का प्रभाव: HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का प्रदर्शन भी निवेशकों की धारणा पर भारी पड़ा है।
- वित्तीय क्षेत्र में कमजोर धारणा: व्यापक आर्थिक चिंताओं और निवेशक सावधानी के कारण वित्तीय क्षेत्र में कमजोरी आई है।
- मूल्यांकन चिंताएं: टाटा कैपिटल के मूल्यांकन को लेकर भी चिंताएं हैं, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं।
- बाजार सुधार: व्यापक बाजार सुधार ने भी NBFC को प्रभावित किया है, जिससे टाटा कैपिटल के शेयरों में गिरावट आई है।
मेहता इक्विटीज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और अनुसंधान विश्लेषक प्रशांत तापसे का कहना है कि इस तेज गिरावट के कई कारण हैं, जिनमें बाजार में व्यापक सुधार शामिल है, जिसका विशेष रूप से NBFC पर असर पड़ा है, क्योंकि व्यापक आर्थिक चिंताओं और निवेशक सावधानी ने केंद्र में जगह बना ली है।
हालांकि, टाटा कैपिटल का IPO अभी भी आने वाला है, लेकिन अनलिस्टेड शेयरों में गिरावट निश्चित रूप से निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। यह देखना बाकी है कि कंपनी इस चुनौती का सामना कैसे करती है और IPO को सफल बनाने के लिए क्या कदम उठाती है।
आगे क्या?
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे IPO में निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति और बाजार की स्थितियों का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन करें।