5 सितंबर 2025: भारत के किन राज्यों में स्कूल बंद रहेंगे?

सितंबर 2025 का पहला हफ्ता भारतीय छात्रों के लिए अप्रत्याशित छुट्टियों और खुशियों से भरा रहा। एक तरफ, सरकारें मानसून की भारी बारिश के कारण एहतियाती तौर पर स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर रही हैं, जिससे विभिन्न राज्यों में दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दूसरी ओर, छात्रों की छुट्टियों की सूची में पहले से ही शिक्षक दिवस, ईद-ए-मिलाद और ओणम जैसे त्योहार आने वाले हैं।

बहुत से बच्चों के लिए, यह खुशी के त्योहारों और मौसम संबंधी सुरक्षा अवकाशों का मिश्रण है। लेकिन यह इस बात पर भी जोर देता है कि प्राकृतिक घटनाओं से स्कूल के समय सारणी कैसे प्रभावित हो सकती है, जिससे बच्चों को राज्य और स्कूल कार्यालयों से आधिकारिक सूचनाओं से अवगत रहने की सलाह दी जाती है।

3 सितंबर 2025 को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में स्कूल बंद

बुधवार, 3 सितंबर, 2025 को गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सभी शैक्षणिक संस्थान जो नर्सरी से कक्षा 12 तक की कक्षाएं प्रदान करते हैं और निम्नलिखित में से किसी भी बोर्ड से संबद्ध हैं: सरकारी, सहायता प्राप्त, निजी, सीबीएसई, आईसीएसई और मदरसे। भारी बारिश की चेतावनी के जवाब में, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिला मजिस्ट्रेट के अधिकार के तहत एहतियात के तौर पर बंद करने का आदेश दिया है। इस कदम का उद्देश्य कर्मचारियों और छात्रों को मानसून के कारण होने वाली लगातार असुविधाओं से बचाना है।

किन राज्यों में बारिश के कारण स्कूल बंद रहेंगे?

भारी बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के कई जिलों में स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। इनमें गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहर शामिल हैं। छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

  • गाजियाबाद
  • गौतम बुद्ध नगर (नोएडा और ग्रेटर नोएडा)

अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे सुनिश्चित करें कि बच्चे घर के अंदर रहें और अनावश्यक गतिविधियों से बचें। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इसलिए, छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे स्कूल खुलने और बंद होने से संबंधित नवीनतम जानकारी के लिए अपने संबंधित स्कूलों और जिला प्रशासन के संपर्क में रहें।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये छुट्टियां विशिष्ट क्षेत्रों और परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं। इसलिए, छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्कूलों और स्थानीय अधिकारियों से आधिकारिक घोषणाओं के लिए संपर्क में रहें।

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