पूर्व व्हाइट हाउस व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर एक और विवादास्पद आरोप लगाया है, जिसमें उन्होंने नई दिल्ली पर रूसी तेल को 'लॉन्डर' करने, ब्राह्मण अभिजात वर्ग के माध्यम से मुनाफाखोरी करने और वैश्विक व्यवस्था को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। नवारो ने विशेष रूप से भारत के अभिजात वर्ग - ब्राह्मणों - पर रूसी तेल सौदे से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया है।
फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में, नवारो ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50% टैरिफ का बचाव करने के लिए जाति का सहारा लिया। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग से निकटता वैश्विक व्यवस्था को अस्थिर कर रही है।
नवारो ने कहा, "भारत टैरिफ का महाराजा है। उनके पास दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ हैं। वे हमें बहुत सारी चीजें निर्यात करते हैं। तो, किसे चोट लगती है? अमेरिका में श्रमिकों को, करदाताओं को, यूक्रेनियन को। मोदी एक महान नेता हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि वे पुतिन और शी जिनपिंग के साथ बिस्तर में क्यों जा रहे हैं जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं भारतीय लोगों से यह समझने के लिए कहूंगा कि यहां क्या चल रहा है। आपके ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं, और हम इसे रोकना चाहते हैं।"
नवारो, जिन्होंने भारत पर 50% टैरिफ लगाए थे, ने हाल ही में नई दिल्ली पर सीधा हमला बोला है। कई साक्षात्कारों और सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर तेल खरीद के माध्यम से मास्को को 'बैंकरोल' करने और 'अधिनायकवादियों' का साथ देने का आरोप लगाया है। नवारो ने ब्लूमबर्ग टीवी को बताया, "भारत अधिनायकवादियों के साथ बिस्तर में जा रहा है।"
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नवारो के ये दावे विवादास्पद हैं और भारत सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है।
भारत-रूस तेल संबंध: एक जटिल मुद्दा
भारत और रूस के बीच तेल संबंध एक जटिल मुद्दा है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि, भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है, क्योंकि यह भारत के लिए अपेक्षाकृत सस्ता है।
भारत का कहना है कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रूस से तेल खरीद रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है, और इसे अपनी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए तेल की आवश्यकता है।
नवारो के आरोपों का प्रभाव
नवारो के आरोपों से भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह देखना बाकी है कि क्या ये आरोप दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को प्रभावित करेंगे।