शिमला में कुदरत का कहर! भारी बारिश से तबाही, रेड अलर्ट जारी

शिमला और हिमाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों में भारी बारिश और भूस्खलन ने गंभीर तबाही मचाई है। मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक 320 लोगों की जान जा चुकी है, और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। राज्य में 838 सड़कें बंद हैं, 728 बिजली ट्रांसफार्मर और 456 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चंबा, मंडी और कुल्लू जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां बहाली के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश से मुश्किलें और बढ़ गई हैं। नदियां उफान पर हैं और भूस्खलन से सड़कों को भारी नुकसान हुआ है।

मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि रेड अलर्ट वाले जिलों के लोग बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें। नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने लोगों से गैरजरूरी यात्रा से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया है।

प्रभावित जिले और बचाव कार्य

चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। इन क्षेत्रों में बचाव दल फंसे हुए लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने में जुटे हैं। सड़कों को खोलने और बिजली आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण काम में बाधा आ रही है। सरकार ने प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं।

क्या करें और क्या न करें

  • मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लें।
  • गैरजरूरी यात्रा से बचें।
  • नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें।
  • सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
  • अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।

हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है, और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। सरकार और बचाव दल स्थिति को सामान्य करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

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