आयकर रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2025 नज़दीक आ रही है, और करदाताओं में संभावित विस्तार को लेकर अटकलें तेज़ हैं। पोर्टल पर तकनीकी दिक्कतों और फाइलिंग में देरी के कारण कई लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
आयकर विभाग ने भी SMS के जरिए करदाताओं को याद दिलाना शुरू कर दिया है। SMS में कहा गया है कि 15 सितंबर, 2025 से पहले अपना ITR फाइल और ई-वेरिफाई कर लें।
क्या मुझे ITR फाइल करने की ज़रूरत है?
यह एक आम सवाल है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी आय कम है। वित्त अधिनियम, 2024 के अनुसार, यदि आपकी आय मूल छूट सीमा से अधिक है, तो आपको ITR फाइल करना होगा। नई कर व्यवस्था के तहत यह सीमा ₹3 लाख है, जबकि पुरानी कर व्यवस्था के तहत यह ₹2.5 लाख है।
हालांकि, कुछ मामलों में, आय सीमा से कम होने पर भी ITR फाइल करना अनिवार्य है। उदाहरण के लिए, यदि आपने वित्त वर्ष 2024-25 में कुछ विशेष लेनदेन किए हैं, तो आपको अपनी आय या हानि की रिपोर्ट ITR में देनी होगी।
डेटा मिसमैच की समस्या
इस साल, कई करदाताओं को वार्षिक सूचना विवरण (AIS), करदाता सूचना सारांश (TIS) और फॉर्म 26AS के बीच डेटा मिसमैच की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या खासकर लाभांश आय, म्यूचुअल फंड से पूंजीगत लाभ और ब्याज प्रविष्टियों में देखी जा रही है।
इस डेटा मिसमैच के कारण, करदाताओं को अपनी आय को समेटने में काफी समय लग रहा है।
समय पर फाइलिंग क्यों ज़रूरी है?
समय पर ITR फाइल करने से आप कई तरह के दंडों से बच सकते हैं। यदि आप समय पर ITR फाइल नहीं करते हैं, तो आपको ब्याज और जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा, समय पर ITR फाइल करने से आपको ऋण और अन्य वित्तीय उत्पादों के लिए आवेदन करने में भी मदद मिलती है।
निष्कर्ष
15 सितंबर की समय सीमा से पहले अपना ITR फाइल करना सुनिश्चित करें। यदि आपको कोई समस्या आ रही है, तो आप किसी कर पेशेवर से मदद ले सकते हैं।