उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में करियर बनाने का सपना देख रहे छात्रों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के नाम पर एक नई छात्रवृत्ति योजना शुरू करने का ऐलान किया है। यह छात्रवृत्ति उन छात्रों को प्रोत्साहन देगी जो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।
हाल ही में शुभांशु शुक्ला नासा (NASA) के एग्सिओम-4 मिशन (Axiom Mission-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से 18 दिन की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर भारत लौटे हैं। उन्होंने इस मिशन में 60 से अधिक प्रयोग किए। उनके इस महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह छात्रवृत्ति शुरू करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में शुभांशु शुक्ला से मुलाकात के दौरान इस योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शुभांशु शुक्ला ने देश का गौरव बढ़ाया है और उनकी उपलब्धियों से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। यह छात्रवृत्ति योजना छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने और अनुसंधान करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
शुभांशु शुक्ला के लखनऊ प्रवास की अवधि भी बढ़ गई है। पहले उन्हें बुधवार को दिल्ली लौटना था, लेकिन अब वह शनिवार तक लखनऊ में ही रहेंगे। इस दौरान उन्होंने अपने परिवार के साथ समय बिताया और अपने पुराने स्कूल, सिटी मोंटेसरी स्कूल अलीगंज का दौरा भी किया, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने छात्रों को करियर संबंधी मार्गदर्शन दिया और अपने बचपन की यादें साझा कीं।
शुभांशु शुक्ला: एक प्रेरणा स्रोत
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा और उनके योगदान ने देश के युवाओं में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि बढ़ाई है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई यह छात्रवृत्ति योजना निश्चित रूप से उन छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित होगी जो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। यह योजना न केवल छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें शुभांशु शुक्ला जैसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व से भी जुड़ने का अवसर मिलेगा।
आगे की राह
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम सराहनीय है और इससे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत की प्रगति को और बल मिलेगा। उम्मीद है कि यह छात्रवृत्ति योजना अधिक से अधिक छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी और भारत को इस क्षेत्र में एक अग्रणी देश बनाने में मदद करेगी।