अमेरिकी राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हैसेट ने चेतावनी दी है कि अगर भारत रियायतें देने से इनकार करता है तो राष्ट्रपति ट्रंप अपना रुख नरम नहीं करेंगे। अमेरिका ने भारतीय आयात पर शुल्क दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए हैसेट ने भारत पर अमेरिकी उत्पादों के लिए अपने बाजार खोलने में "अड़ियल" रवैया अपनाने का आरोप लगाया और सुझाव दिया कि अगर नई दिल्ली मैदान छोड़ने से इनकार करती है तो राष्ट्रपति ट्रंप अपना रुख और सख्त कर सकते हैं।
हैसेट ने कहा, "मुझे लगता है कि यह एक जटिल संबंध है। इसका एक हिस्सा रूस पर शांति समझौता हासिल करने और लाखों लोगों की जान बचाने के लिए हम जो दबाव डाल रहे हैं, उससे जुड़ा हुआ है। और फिर भारतीय बाजारों को हमारे उत्पादों के लिए खोलने के बारे में भारतीय अड़ियल रवैया है।"
यह टिप्पणी तब आई है जब अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा ने पुष्टि की कि 6 अगस्त के ट्रंप के कार्यकारी आदेश के बाद बुधवार को संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय सामानों पर शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद और व्यापार सौदे की धीमी गति से हुई बातचीत दोनों से प्रेरित था।
हैसेट ने वार्ताओं को एक लंबा खेल बताया लेकिन चेतावनी दी कि धैर्य को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "जब आप व्यापार वार्ताओं को देखते हैं, तो हम सभी ने एक सबक सीखा है कि आपको अपनी आँखें क्षितिज पर रखनी चाहिए और यह पहचानना चाहिए कि..."
भारत-अमेरिका व्यापार संबंध: चुनौतियां और आगे की राह
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध हाल के वर्षों में तनावपूर्ण रहे हैं। अमेरिका का आरोप है कि भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए अपने बाजार नहीं खोल रहा है और भारत रूसी तेल की खरीद जारी रखकर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है।
भारत का कहना है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार काम कर रहा है और अमेरिका को भारतीय चिंताओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता जारी है, लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हो पाया है।
आगे क्या होगा?
यह देखना बाकी है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध आगे कैसे विकसित होते हैं। यदि दोनों देश एक समझौता नहीं कर पाते हैं, तो यह संभव है कि अमेरिका भारत पर और अधिक शुल्क लगाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।