अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के कारण वैश्विक स्तर पर तनाव बढ़ रहा है। इसका असर यह हो रहा है कि भारत और चीन जैसे देश अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। दोनों देशों को अमेरिका की नीतियां आक्रामक लग रही हैं।
ट्रंप की टैरिफ नीति और भारत-चीन संबंध
भारत पर ट्रंप प्रशासन द्वारा रूसी तेल के आयात को रोकने के लिए दबाव डालने के लिए 50% टैरिफ लगाया गया था। इसके बाद भारत ने चीन के साथ महत्वपूर्ण संबंध स्थापित किए हैं। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के लिए चीन में मिलने वाले हैं। चीनी मंत्री ने दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने और मजबूत करने के इस 'महत्वपूर्ण अवसर' का स्वागत किया है।
BRICS देशों का बढ़ता प्रभाव
भारत और ब्राजील जैसे देशों ने वाशिंगटन के फरमान का विरोध करते हुए बीजिंग की ओर रुख किया। ये देश ब्रिक्स (BRICS) के सदस्य भी हैं, जो एक गैर-पश्चिमी संगठन है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। ट्रंप की नीतियों के कारण ब्रिक्स देशों के बीच एकता बढ़ रही है।
- भारत और चीन के बीच राजनयिक वार्ता जारी है।
- मोदी ने SCO शिखर सम्मेलन के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
- ब्रिक्स देश अमेरिकी आर्थिक प्रभुत्व के खिलाफ एकजुट हो सकते हैं।
चीन के राजदूत ने कहा कि चीन भारत पर वाशिंगटन द्वारा लगाए गए टैरिफ का दृढ़ता से विरोध करता है और बीजिंग की एकजुटता की घोषणा करते हुए कहा कि वह बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को बरकरार रखता है।