ज़ूपी: भारत में स्किल-आधारित लूडो का नया अध्याय और ड्रीम11 का संकट

भारत में ऑनलाइन गेमिंग का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। एक तरफ, ज़ूपी (Zupee) ने लूडो को एक नए रूप में पेश करके 15 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ स्किल-आधारित लूडो श्रेणी में अपनी स्थिति मजबूत की है। वहीं दूसरी ओर, ड्रीम11 (Dream11) ऑनलाइन गेमिंग बिल के कारण अपने रियल-मनी गेमिंग व्यवसाय को बंद करने की तैयारी कर रहा है।

ज़ूपी: लूडो को नया रूप देना

ज़ूपी ने लूडो सुप्रीम, लूडो टर्बो और लूडो सुप्रीम लीग जैसे स्किल-आधारित लूडो प्रारूपों को पेश करके भारत में एक नई क्रांति ला दी है। कंपनी ने पासा-रहित मोड और मूव-आधारित स्कोरिंग जैसे नवाचारों के साथ भाग्य पर निर्भरता को कम किया है, जिससे गेम तेज, रोमांचक और आज के खिलाड़ियों के लिए उपयुक्त बन गया है।

भारतीय संस्कृति से जुड़ा नवाचार

ज़ूपी क्लासिक भारतीय गेम की पुरानी यादों को अत्याधुनिक तकनीक के साथ जोड़ता है। RNG प्रमाणन, नो-बॉट नीति और ब्लॉकचेन-समर्थित निष्पक्ष खेल पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करते हैं।

ड्रीम11: एक युग का अंत?

खबरों के अनुसार, भारत के सबसे बड़े फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम11 में एक युग का अंत हो रहा है। कंपनी नए ऑनलाइन गेमिंग बिल के बाद अपने रियल-मनी गेमिंग व्यवसाय को बंद करने की तैयारी कर रही है।

ऑनलाइन गेमिंग बिल का प्रभाव

नए कानून के लागू होने के बाद ड्रीम11 के सीईओ हर्ष जैन ने कर्मचारियों को बताया कि संचालन जारी रखने का कोई कानूनी रास्ता नहीं है। कंपनी अब FanCode, DreamSetGo और Dream Game Studios जैसे अन्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

ड्रीम स्पोर्ट्स के लिए संकट

यह विकास ड्रीम स्पोर्ट्स के लिए एक गंभीर संकट है, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से 90% से अधिक राजस्व ड्रीम11 के सशुल्क फैंटेसी प्रतियोगिताओं से आता है।

ज़ूपी की सफलता और ड्रीम11 की चुनौतियां दर्शाती हैं कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग नवाचार, विनियमन और उपभोक्ता प्राथमिकताओं के प्रति संवेदनशील है। भविष्य में, कंपनियों को कानूनी और नैतिक सीमाओं के भीतर रहकर खिलाड़ियों को आकर्षक अनुभव प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

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