GST में बदलाव: क्या दिवाली 2025 तक सस्ती हो जाएंगी कारें?

केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इसकी घोषणा की थी। इस संशोधित GST ढांचे का उद्देश्य कर संरचना को सरल बनाना और वस्तुओं को अधिक किफायती बनाना है।

कारों पर GST दरें कम होने की संभावना

भारत में कार खरीदने वालों को सबसे बड़ा फायदा हो सकता है, क्योंकि सरकार छोटी कारों पर GST दरों को कम करने और समग्र कर संरचना को सरल बनाने पर विचार कर रही है। सरकार वर्तमान चार-स्तरीय GST स्लैब (5, 12, 18 और 28 प्रतिशत) से दो-स्लैब संरचना की ओर बढ़ना चाहती है। आवश्यक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत GST लगेगा, जबकि अधिकांश अन्य वस्तुओं और सेवाओं, जिनमें कारें भी शामिल हैं, पर 18 प्रतिशत GST लगेगा।

छोटी कारें हो सकती हैं 8% तक सस्ती

वर्तमान में, 4 मीटर से कम लंबाई वाली कारें, जिनकी इंजन क्षमता पेट्रोल के लिए 1.2-लीटर तक और डीजल के लिए 1.5-लीटर तक है, उन पर 28 प्रतिशत GST लगता है। नए प्रस्ताव के तहत, GST दर 18 प्रतिशत तक गिर सकती है, जिसका मतलब कार खरीदारों के लिए 5 से 8 प्रतिशत की बचत हो सकती है। उदाहरण के लिए, मारुति स्विफ्ट जैसी लोकप्रिय कार, जिसकी कीमत वर्तमान में लगभग 8 लाख रुपये (कई शहरों में ऑन-रोड) है, GST 2.0 लागू होने के बाद इसकी कीमत में लगभग 40,000 रुपये से 60,000 रुपये की गिरावट आ सकती है।

हालांकि, बड़ी कारों को एक विशेष 40 प्रतिशत ब्रैकेट में ले जाया जा सकता है। वर्तमान में, 4 मीटर से अधिक लंबी कारें, जिनमें बड़े इंजन हैं, उन पर उच्चतम GST स्लैब लगता है।

GST सरलीकरण का उद्देश्य

सरकार का लक्ष्य अनुपालन को सरल बनाना और विवादों को कम करना है। GST में प्रस्तावित बदलाव से ऑटोमोबाइल उद्योग को बढ़ावा मिलने और उपभोक्ताओं के लिए कारें अधिक सुलभ होने की उम्मीद है। दिवाली 2025 तक इन बदलावों के लागू होने की संभावना है।

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